Monday, November 16, 2020

धन योग

 

क्‍या है धन योग ?

कुंडली में धनयोग से बढिया और कोई सुख नहीं है। धन-वैभव की प्राप्ति हेतु कुंडली में धन योग या लक्ष्मी योग काफी महत्वपूर्ण है। कुंडली में बनने वाले कुछ विशेष योग के प्रभाव में व्यक्ति धनवान बन सकता है। जन्म कुंडली का दूसरा भाव धन-संपत्ति का कारक है। इस भाव में शुभ ग्रहों की उपस्थिति में व्यक्ति को अपार धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

प्रभावित जातक

धन भाव से प्रभावित जातक का जीवन किसी राजा से कम नहीं होता। इस योग के बनने पर जातक को मेहनत के बिना भी धन की प्राप्ति होती है। इन्हें धन मेहनत से नहीं बल्कि किस्मत से मिलता है। धनयोग से अधिक सुखमय शायद ही कोई योग होगा। इससे प्रभावित जातक दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन व्यतीत करता है। इनका संपूर्ण जीवन धन-वैभव से संपन्न होता है।

प्रभाव

  • लग्न भाव के स्वामी के दशम भाव में होने पर जातक अपने पिता से भी अधिक धन अर्जित करता है।
  • यदि सातवें घर में मंगल या शनि हो अथवा ग्यारहवें घर में राहु के अलावा कोई भी ग्रह उपस्थित हो तो व्यक्ति को व्यापार में अत्यधिक धन लाभ की संभावना होती है।
  • ग्यारहवें भाव में केतु के विराजमान होने पर जातक को विदेश से आय होती है।
  • दूसरे भाव के स्वामी के आठवें घर में होने पर जातक अपनी मेहनत और परिश्रम से संपन्न बनता है।
  • बुध ग्रह के कर्क या मेष राशि में होने पर व्यक्ति का जीवन सुखों से परिपूर्ण रहता है।
  • यदि सूर्य पंचम भाव में, मंगल चतुर्थ भाव में या बृहस्पति ग्यारहवें भाव में हो तो जातक को पैतृक संपत्ति का लाभ होता है।
  • किसी भी भाव में बृहस्पति, बुध और शुक्र की युति होने पर जातक धार्मिक कार्यों से धन अर्जित करता है।
  • सातवें घर में शनि और मंगल की उपस्थिति में व्यक्ति खेल एवं जुंए से पैसा कमाता है।
  • दशमेश के वृषभ, तुला और शुक्र राशि में प्रवेश करने पर व्यक्तिं को अपनी पत्नी के माध्यम से धन लाभ होता है।
  • सातवें घर में मंगल, शनि और राहु के होने पर जातक कमीशन के कार्य से धन अर्जित करता है।
  • षष्टम, अष्टम और बारहवें भाव के स्वामी के छठे, आंठवें, बारहवें और ग्यारहवें घर से संबंधित होने पर जातक को अचानक धन लाभ होता है।
  • शनि ग्रह के चौथे घर में तुला, मकर या कुंभ राशि के साथ होने पर जातक एक संपन्न गणितज्ञ, अकांउटेंट और सांख्यिकीय बनता है।
  • पंचमेश के दसवें घर में होने पर व्यक्ति को अपनी संतान से धन लाभ होता है।

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